मैं बहक न जाऊं तेरे हुस्न में कहीं, तू मुझसे मिलने पर्दा करके आया कर।
ये लोग here हमारी मोहब्बत पे दरार डालने वाले लोग हैं इन्हे हमारी आशिकी पसंद नहीं।
मैं हूँ दर्द-ए-इश्क़ से जाँ-ब-लब मुझे ज़िंदगी की दुआ न दे
मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का
जीने का मकसद अच्छा क्यों कि हमारा प्यार सच्चा है।
"हारा हुआ हूँ, बस हालातों से अपने आप से नहीं।"
नहीं आती तो याद उन की महीनों तक नहीं आती
ये तेरा ज़िक्र ही तो है जो मेरे हर बात पर तेरा उदाहरण दे जाता है।
ये शमा मुझे बेताब करने लगी है, तू हर रोज़ मुझे नई लगने लगी है।
सवाल करते हो तो जवाब भी सुनो, ये प्यार है यहाँ बाज़ी दोनों मारते हैं कोई एक नहीं।
जीने का एक नया ज़रिया मिला, जब से तेरा है हाँथ थामा।
तूने एक घर बसाया है मेरे बिना, लगता है वो घर तुझे भा नहीं रहा मेरे बिना।
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ टैग : लव शेयर कीजिए
!हम तो पास आने की कोशिश में थे!!ना जाने क्यूँ वो हमसे दूरियाँ बढ़ाते गये!!